संदेश

अप्रैल 15, 2016 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

HINDI STORY

मेहमान की आवभगत : एक किसान था भोला-भाला, सीधा-सादा। उसे घर में मेहमानों की आवभगत करने में बड़ा मजा आता। उसकी बीवी इस आदत से बड़ी परेशान थी। एक दिन फिर वह मेहमान को लेकर आया। बीवी को सूझी चालाकी। उसने चतुराई से किसान को हाथ-पैर धोने भेजा और बैठ गई मेहमान के पास। कहने लगी- 'क्या करूं, इनका तो दिमाग खराब है। किसी को भी पकड़ लाते हैं और फिर उसे मूसल से मारते हैं।' मेहमान घबराकर अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर भागा। इतने में किसान अंदर से आया। मेहमान को जाता देख पत्नी से पूछा- 'वो कहां जा रहे हैं?' वह बोली- 'अरे... कुछ नहीं सासू मां की आखिरी निशानी मूसल मांग रहे थे।' मैंने मना कर दिया तो नाराज होकर जाने लगे। किसान चिल्लाया- 'कैसी औरत है? मूसल बड़ी या पावणे। ठहर जा, मैं उन्हें मूसल देकर आता हूं।' किसान मूसल लेकर दौड़ा और मेहमान उसे देखकर और तेजी से दौड़ने लगा। ये सोचते हुए कि औरत सही कहती थी। किसान सच में पागल है। उधर किसान की बीवी हंस-हंस कर बेहाल हो गई। .

केंद्र सरकार ने बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन नियम 2016 अधिसूचित किया

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 28 मार्च 2016 को बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन नियम, 2016 अधिसूचित कर दिया. यह नियम बायो– मेडिकल कचरा (प्रबंधन एवं निगरानी) नियम, 1998 की जगह लेगा. बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन नियम, 2016 की मुख्य बातें : • मानवीय एवं पशु के शारीरिक अपशिष्ट, उपचार एवं अनुसंधान की प्रक्रिया में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में प्रयोग किए जाने वाले उपचार उपकरण जैसे सूईंयां, सिरिंज और अन्य सामग्रियों को बायोमेडिकल कचरा कहा जाता है. • यह कचरा अस्पतालों, नर्सिंग होम, पैथलॉजिकल प्रयोगशालाएं, ब्लड बैंक आदि में डायग्नोसिस, उपचार या टीकाकरण के दौरान पैदा होता है. • इस नए नियम का उद्देश्य देश भर की 168869 स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं (एचसीएफ) से रोजाना पैदा होने वाले 484 टन बायोमेडिकल कचरे का उचित प्रबंध करना है. • नियम के दायरे को बढ़ाया गया है और इसमें टीकाकरण शिविरों, रक्तदान शिविरों, शल्य चिकित्सा शिविरों या अन्य स्वास्थ्य देखभाल गतिविधि को भी शामिल किया गया है. • क्लोरीनयुक्त प्लास्टिक की थैलियां, दास्ताने और खून की थैलियों को दो वर्ष के भीतर चरणबद्ध तरीके से हटा द...

विश्व बैंक समूह ने जलवायु परिवर्तन कार्य योजना अपनाया

विश्व बैंक समूह ने 7 अप्रैल 2016 को जलवायु परिवर्तन कार्य योजना को अपनाया. इसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशो को पेरिस कोप21 (COP21) के लक्ष्यों को प्राप्त करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का प्रबंधन करने में मदद करना है. यह 2020 के लिए उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों सहित स्वच्छ ऊर्जा, हरी परिवहन, जलवायु-स्मार्ट कृषि अथवा शहरी तन्यकता के लक्ष्य तय करता है. इससे संबंधित मुख्य तथ्य: • विश्व बैंक समूह के जलवायु सम्बंधित हिस्सेदारी को ग्राहकों की मांग के अनुसार 2020 तक 21 प्रतिशत से बढाकर 28 प्रतिशत करना है, जिससे की प्रति वर्ष 29 लाख डॉलर का संभावित कुल वित्तपोषण हो सके. • बैंक राष्ट्रों को उनके राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (INDCs) को जलवायु नीतियों में अनुवाद करने, जलवायु निवेश योजनाओं का क्रियान्वन करने और नीतियों और बजट में जलवायु विचारों को मुख्य धारा में लाने में समर्थन करेगा. • आईएफसी (IFC), विश्व बैंक समूह का एक सदस्य, पांच वर्षो में निजी निवेश को 2.3 बिलियन डॉलर से बढाकर 3.5 बिलियन डॉलर करेगा. • 2020 तक आईएफसी (IFC) लगभग 13 बिलियन डॉलर तक का निजी नेवश लामबंद करेगा. ...

एक सदी में पहली बार बाघों की संख्या में 22% वृद्धि: डब्ल्यूडब्ल्यूएफ

विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) और ग्लोबल टाइगर फोरम (जीटीएफ) द्वारा 10 अप्रैल 2016 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, विश्व भर में पहली बार बाघों की संख्या में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 100 सालों के निरंतर गिरावट के बाद, ताज़े आंकड़ो के मुताबिक, बाघों की जनसँख्या 3890 हो गयी है. अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) के अनुसार ये आंकड़ा 2010 मे 3200 बाघों की संख्या थी. संगठनों का कहना है कि इस वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं जिनमें भारत, रूस, नेपाल और भूटान में बाघों की संख्या में इजाफा, उन्नत सर्वेक्षण और व्यापक संरक्षण शामिल हैं. पहली बार बाघों की संख्या बढ़ी है. इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि अगर सरकारें, स्थानीय समुदाय और पर्यावरण कार्यकर्ता मिलकर काम करें तो वन्यजीव की प्रजातियों और उनके रहने के ठिकानों को बचाया जा सकता है. 12 अप्रैल 2016 को आयोजित सम्मेलन 2010 में रूस में टाइगर समिट के साथ शुरू हुई वैश्विक बाघ पहल की प्रक्रिया में ताजा कदम होगा. 2010 के सम्मेलन में सरकारों ने 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने के लक्ष्य पर सहमति जताई थी. विभिन्न देशो मे बाघों की संख्...

करेंट अफेयर्स सारांश

•    वह देश जिसके यूरोपियन यूनियन से बाहर होने के निर्णय से ब्रेक्सिट शब्द अप्रैल 2016 में चर्चा में रहा – ब्रिटेन •    वह अन्तरराष्ट्रीय संस्था जिसके द्वारा कराये गये अध्ययन से पता चला कि अवसाद एवं तनाव संबंधित रोगों से विश्व में प्रतिवर्ष 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार होता है – विश्व सवास्थ्य संगठन •    न्यूज़ीलैण्ड के खिलाड़ी जिन्हें विज़डन क्रिकेटर ऑफ़ द इयर-2015 चयनित किया गया - केन विलियम्सन •    भारत का वह राज्य जिसने सूखे की मार के चलते मिशन पेयजल की शुरुआत की – महाराष्ट्र •    तालिबान द्वारा वसंत ऋतु के आगमन पर स्प्रिंग ओफेन्सिव नीति के तहत आरंभ किया गया ऑपरेशन – ऑपरेशन ओमारी •    भारत को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा वन्यजीवन में होने वाले अपराधों को रोकने हेतु इस संस्था का औपचारिक सदस्य बनने के लिए मंजूरी दी गयी - दक्षिण एशिया वन जीवन प्रवर्तन नेटवर्क •    भारत और इस देश के बीच 13 अप्रैल 2016 को मत्स्य पालन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन की मंजूरी दी गयी - बांग्लादेश •    इस देश ने 'के-4 बैलिस्टिक' मिसाइल का सफल परीक्षण किया - भारत •    प्रसिद्...

HINDI STORY

| सच्ची सेवा | एक थी बिल्ली। मुरगी के बच्चे उसे बहुत ही भाते थे। रोजाना दो-चार बच्चों को वह कहीं-न-कहीं से खोज-खाजकर खा जाती थी। एक दिन उसे भनक मिली कि एक मुरगी बीमार है। वह हमदर्दी जताने मुरगी के दरबे के पास आई और कहा, ''कहो बहन, कैसी हो ? क्या मैं तुम्हारी ऐसी हालत में तुम्हारे कुछ काम आ सकती हूँ ? तुम्हारी सेवा करना मेरा फर्ज भी तो है।'' बीमार मुरगी क्षण भर सोचती रही। फिर बोली, ''अगर तुम सचमुच मेरी सेवा करना चाहती हो तो मेरे परिवार से दूर रहो---और अपनी जमातवालों से भी ऐसा ही करने को कहो।'' दुश्मन की शुभकामनाओं पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

HINDI STORY

वस्तु का मूल्य : जौनपुर में एक धनवान आदमी रहता था। उसके पास एक प्राचीन स्वर्ण पात्र था। वह सोचता था कि जब कोई महत्वपूर्ण मौका आएगा, तब उसे निकालेगा। एक बार उसके यहां राज्य का एक मंत्री आया। तब उसने सोचा महज एक मंत्री लिए इसे निकालूं? किसी बड़े आदमी के सामने उसे निकालूंगा। अगली बार उसके यहां एक संत पधारे तो उसने सोचा भला संत इसकी कद्र क्या जानेंगे? एक बार उसके यहां राजा आया। उसने राजा के साथ भोजन किया, किंतु उसे लगा कि वह पात्र राजा की तुलना में अधिक गौरवप्रद है। जब उसके बच्चों की शादी हुई तब भी उसने वह स्वर्ण पात्र नहीं निकाला। दिन गुजरते गए व एक दिन उसकी मौत हो गई। उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। तेरहवीं के बाद साफ-सफाई की गई तो वह पात्र अन्य सामान के साथ मिला। वर्षों से पड़े रहने के कारण वह गंदा हो गया था। लगता ही नहीं था कि स्वर्ण पात्र है। बच्चों ने काम की चीजें निकाल कर पास रख ली व वह पात्र नौकरों को भोजन करने को दे दिया। #HindiPride Shared from "Hindi Baal Kathayein" via Android.

HINDI STORY

| फूल का पौधा | बहुत ही पुराने समय की बात है । मिस्र देश का एक राजा था जिस पर देवता प्रसन्न हो गये और उसके पास आये और उसे उपहार स्वरुप एक चमत्कारी तलवार दी और उसे बोले कि जाओ और दुनिया फतह करो । इस पर राजा ने भगवान से सवाल किया कि " भगवन आप भी कमाल करते है भला मुझे किस चीज़ की कमी है जो मैं पूरी दुनिया को फतह करूँ ।" इस पर देवता ने फिर से कुछ सोचकर "पारसमणि देते हुए राजा से कहा ये लो पारसमणि और जितना चाहे उतना धन की प्राप्ति करो ।" इस पर राजा ने फिर से सवाल किया " भगवान मैं इतना धन प्राप्त करकर क्या करूँगा बताओ ।" राजा ने वो लेने से भी मना कर दिया । इस पर देवता ने उसे एक अप्सरा देते हुए कहा " ये लो मैं तुम्हे तुम्हारे साथ रहने को ये खूबसूरत अप्सरा देता हूँ ।" इस पर राजा ने कहा भगवान मुझे ये भी नहीं चाहिए आपके पास इन सब से कुछ बेहतर हो तो बताओ । देवता अब सोचा में पड़ गया और कहने लगा सभी मनुष्य तो यही सब पाने के लिए संघर्ष करते है और मैं तुम्हे सहर्ष इतना सब दे रहा हूँ फिर भी तुम मना कर रहे हो तो तुम ही बताओ मैं तुम्हारे लिए किस चीज़ की व्यवस्...