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मई 15, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सफलता क्या है

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सफलता क्या है ? ? . . . . . . . . . 4 वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते। 8  वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने घर वापिस आने का रास्ता जानते है। 12  वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने अच्छे मित्र बना सकते है। 18  वर्ष की उम्र में मदिरा और सिगरेट से दूर रह पाना सफलता है। 25  वर्ष की उम्र तक नौकरी पाना सफलता है। 30  वर्ष की उम्र में एक पारिवारिक व्यक्ति बन जाना सफलता है। 35  वर्ष की उम्र में आपने कुछ जमापूंजी बनाना सीख लिया ये सफलता है। 45  वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपना युवापन बरकरार रख पाते हैं। 55  वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपनी जिम्मेदारियाँ पूरी करने में सक्षम हैं। 65  वर्ष की आयु में सफलता है निरोगी रहना। 70  वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप आत्मनिर्भर हैं किसी पर बोझ नहीं। 75  वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आप अपने पुराने मित्रों से रिश्ता कायम रखे हैं। 80  वर्ष की उम्र में सफलता यह है कि आपको अपने घर वापिस आने का रास्ता पता है। और 85  वर्ष की उम्र में फिर सफलता ये है कि आप अपने कपड़ों को गीला नहीं करते। अंततः यही तो जीवन ...

हमें कम से कम कितने पैसे कमाने की जरुरत है

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हमें कम से कम कितने पैसे कमाने की जरुरत है? Money we need to earn, दोस्तों, ये कहने की बिलकुल जरूरत नहीं कि हमें एक बेहतर जीवन जीने के लिए, हमारे पास पर्याप्त Money होना कितना जरुरी है, और हमारे पास हमारी आवश्यकता के अनुसार धन हो, इसके लिए बहुत जरुरी है कि हम अपने कमाए हुए पैसो की बचत करे, "हम सभी पैसे कमाते है, लेकिन हमें ये ठीक ठीक पता नहीं होता कि हमारे लिए कम से कम कितने पैसे कमाना बहुत जरुरी है, जिस से हम पैसो की बचत और निवेश कर सके" तो आज के इस टॉपिक में हम इस बात की चर्चा करेंगे की कम से कम हमारी इनकम कितनी होनी चाहिए, और किस तरह पैसो की बचत कर सकते है,ताकि बचत के पैसो से हम बेहतर निवेश करके अपने सभी फाइनेंसियल गोल को पूरा कर सके, आइये सबसे पहले जानते है कि –हमें कम से कम कितने पैसे कमाने की जरुरत है? How much least money we need to earn? इस सवाल के ठीक ठीक जवाब के लिए सबसे पहले हमें ये समझना होगा कि हमारे पैसे किस तरह खर्च होते है, कमाई से होने वाले खर्चे– हम अपने पैसे से मुख्य रूप से दो तरह के खर्च करने होते है – एक जो हमारी बुनियादी जरुरत need और दूसरी wishes, आइये ...

बिगड़ते लाइफस्टाइल जैसे खराब और दूषित खानपान

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बिगड़ते लाइफस्टाइल जैसे खराब और दूषित खानपान, तनाव और भागदौड़ भरे जीवन के चलते लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को सामना पड़ रहा है। इन समस्याओं में पेट दर्द की समस्या भी बहुत आम हो गई है। जिन लोगों को पेट दर्द होता है वही इसके दर्द को पहचानते हैं। वैसे तो पेट दर्द के लिए कई तरह की अंग्रेजी दवाएं मार्किट में मिलती है। लेकिन जितना हो सके हमें पेट दर्द के लिए घरेलू नुस्खे या औषधियों को ही इस्तेमाल करना चाहिए। कई औषधियां ऐसी हैं जिनका प्रयोग करके आप पेट की बीमारी को आसानी से दूर कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वो औषधियां- तुलसी तुलसी एक ऐसा पौधा है जिसे धरती पर अमृत कहा जाता है। तुलसी के सेवन से कई बीमारियों को सफाया होता है। पेट दर्द के लिए भी तुलसी बहुत असरकारी है। मात्र 1 चम्मच तुलसी का रस पीने से पेट का दर्द और पेट में मरोड़ की समस्या ठीक होती है। तुलसी के पत्‍तों का काढ़ा बनाकर पीने से दस्‍त और कब्ज जैसी परेशानी से छुटकारा मिलता है। तुलसी के 4 पत्‍तों का नियमित सेवन करने से पेट की बीमारियां दूर होती हैं। इसे भी पढ़ें : औषधीय गुणों से भरपूर है लेमन ग्रास टी, रोगों से रखता है ...

क्या है कायाकल्प योग (What Is Kayakalpa Yoga)

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क्या है कायाकल्प योग (What Is Kayakalpa Yoga) कायाकल्प योग  एक बेहद प्रसिद्ध योग आसन हैं जो हमारी लाइफ में एनर्जी को बढ़ाने का कार्य करता है। कायाकल्प योग का सबसे पहला कार्य बढ़ती उम्र की गति को धीमा करके उसका विस्तार करना होता है। इतना ही नहीं कायाकल्प योग का अभ्यास करने से संभोग शक्ति और आत्मशक्ति भी बढ़ती है। क्या है कायाकल्प योग (What is Kayakalpa yoga) कायाकल्प योग, योग की एक पुरानी तकनीक है जिसका प्रयोग दक्षिण भारत के संतो द्वारा जीवन में शक्तियों को बढ़ाने के लिए किया जाता था। कायाकल्प योग के तीन मुख्य लक्ष्य (Three main Objective of Kayakalpa yoga) कायाकल्प योग के वैसे तो कई फायदे हैं लेकिन इसके तीन मुख्य लक्ष्य  हैं- • व्यक्ति की सुंदरता एंव स्वास्थ्य के साथ-साथ लंबे समय तक उन्हें जवानी को बरकरार बनाए रखना।  • नेचुरल एजिंग प्रोसेस को धीमा करना • आयु बढ़ाना   कायाकल्प योग के लाभ (Benefit of Kayakalpa Yoga) कायाकल्प योग करने के कई लाभ हैं जिन्हें निम्नलिखित रूप में महसूस किया जा सकता है: • इससे दिमाग और सोचने समझने की क्षमता बढ़ती है। • यह इंफेक्शन और बीमारियों से बचाने के लिए इम...

कैसे स्पीड रीडिंग सीखें

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चाहे आप किसी दर्शन शास्त्र की कक्षा में टेक्स्ट्बुक पढ़ रहे हों या सुबह का अखबार, पढ़ना एक कठिन कार्य लग सकता है। इन कामों को जल्दी करने के लिए अपने को स्पीड रीडिंग के लिए ट्रेन करिए। तेज़ी से पढ़ने से समझ में तो कम आयेगा, मगर अभ्यास से आप इसका असर कुछ कम कर सकते हैं। 3की विधि 1: स्पीड रीड करना सीखना Edit इमेज का टाइटल Learn Speed Reading Step 1 1 स्वयं से बातें करना बंद करिए: लगभग सभी पाठक "सबवोकलाइज़" (subvocalize) करते हैं या अपने गले को ऐसे हिलाते हैं जैसे वे शब्दों को बोल रहे हों।[१] इससे पाठकों को विचार याद रखने में सहायता मिल सकती है, मगर गति के लिए यह मुख्य बाधा भी है।[२][३] इस आदत को कम से कम रखने के ये कुछ तरीके हैं: पढ़ते समय गम चबाइए या गुनगुनाइए। इससे वे पेशियाँ व्यस्त हो जाती हैं जो सबवोकलाइज़ करती हैं। यदि आप पढ़ते समय अपने होंठ हिलाते हैं तब उन पर अंगुली रख लीजिये। इमेज का टाइटल Learn Speed Reading Step 2 2 जो शब्द आप पढ़ चुके हों उनको ढक लीजिये: पढ़ते समय आपकी दृष्टि अक्सर पिछले शब्दों पर चली जाती है। अधिकांश समय, ये ऐसे छोटे छोटे मूवमेंट्स होते हैं जो कि...

तीन बुरी खबरों ने देश को हिला दिया

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तीन बुरी खबरों ने देश को हिला दिया...? {1} _12000 करोड़ की रेमण्ड कम्पनी का मालिक आज बेटे की बेरुखी के कारण किराये के घर में रह रहा है।_ {2} _अरबपति महिला मुम्बई के पॉश इलाके के अपने करोड़ो के फ्लैट में पूरी तरह गल कर कंकाल बन गयी! विदेश में बहुत बड़ी नौकरी करने वाले करोड़पति बेटे को पता ही नहीं माँ कब मर गयी।_ {3} _सपने सच कर आई. ए. एस. का पद पाये बक्सर के क्लेक्टर ने तनाव के कारण आत्महत्या की।_ ये तीन घटनायें बताती हैं जीवन में पद पैसा प्रतिष्ठा ये सब कुछ काम का नहीं। यदि आपके जीवन में खुशी संतुष्टी और अपने नहीं हैं तो कुछ भी मायने नहीं रखता। वरना एक क्लेक्टर को क्या जरुरत थी जो उसे आत्महत्या करना पड़ा। खुशियाँ पैसो से नहीं मिलती अपनों से मिलती है।_ पैसा बहुत कुछ है, लेकिन सब कुछ नही है। जीवन आनन्द के लिए है, चाहे जो हों बस मुस्कुराते रहो...?_ _यदि आप चिंतित हो, तो खुद को थोड़ा आराम दों कुछ आइसक्रीम, चॉकलेट, केक लो_ ये अंग्रेजी वर्ण हमें सिखाते हैं :- A B C....? Avoid Boring Company​ _​मायूस संगत से दूरी​_ _D E F...?_ Dont Entertain Fools​ _​मूर्खो पर समय व्यर्थ मत करों_ _G H I...?_ ...

रामायण मे दो ऐसे व्यक्ती थे

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रामायण मे दो ऐसे व्यक्ती थे... एक विभीषण और एक कैकेयी... विभीषण रावण के राज मे रहता था फिर भी नही बिगडा... कैकेयी राम के राज मे रहती थी फिर भी नही सुधरी..!! तात्पर्य... सुधरना एवं बिगडना केवल मनुष्य के सोच और स्वभाव पर निर्भर होता है माहौल पर नहीं.. : रावण सीता को समझा समझा कर हार गया था पर सीता ने रावण की तरफ एक बार देखा तक नहीं..! तब मंदोदरी ने उपाय बताया कि तुम राम बन के सीता के पास जाओ वो तुम्हे जरूर देखेगी..! रावण ने कहा - मैं ऐसा कई बार कर चुका हू..! मंदोदरी - तब क्या सीता ने आपकी ओर देखा..? .रावण - मैं खुद सीता को नहीं देख सका..! क्योंकि मैं जब- जब राम बनता हूँ, मुझे परायी नारी अपनी माता और अपनी पुत्री सी दिखती है..! . अपने अंदर राम को ढूंढे, और उनके चरित्र पर चलिए..! आपसे भूलकर भी भूल नहीं होगी..! . ॥ जय श्री राम ॥               : मंदिर के बाहर लिखा हुआ एक खुबसुरत सच...... "अगर उपवास करके भगवान खुश होते, तो इस दुनिया में बहुत दिनो तक खाली पेट रहनेवाला भिखारी सबसे सुखी इन्सान होता.. उपवास अन का नही विचारों का करे.... इंसान खुद की नजर में सही होना चाहिए, दुनिया तो भगवान से भ...

🙏 *ॐ शांति* 🙏

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🙏 *ॐ शांति* 🙏 जिस इंसान की समझ जितनी सकारात्मक अथवा नकारात्मक होती है, वह उसी रूप  में  मान-अपमान अथवा हालात को महसूस करता है, अर्थात सकारात्मक व्यक्ति कीचड़ में भी कमल और नकारात्मक व्यक्ति चाँद में भी दाग़ देख लेता है। 🌸 सुप्रभात... 💐💐 आपका दिन शुभ हो... 💐💐  Deshpriya mourya m-7974858416 

👌UNMOL👌

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👌UNMOL👌 💥 "ये बिल क्या होता है माँ ?"        8 साल के बेटे ने माँ से पूछा। 💥 माँ ने समझाया -- "जब हम किसी से कोई सामान      लेते हैं या काम कराते हैं, तो वह उस सामान या काम      के बदले हम से पैसे लेता है, और हमें उस काम या      सामान की एक सूची बना कर देता है,      इसी को हम बिल कहते हैं।" 💥 लड़के को बात अच्छी तरह समझ में आ गयी।       रात को सोने से पहले, उसने माँ के तकिये के नीचे       एक कागज़ रखा,       जिस में उस दिन का हिसाब लिखा था। 💥 पास की दूकान से सामान लाया             5रु       पापा की bike पोंछकर बाहर निकाली।  5 रु       दादाजी का सर दबाया                         10 रु       माँ की चाभी ढूंढी                                10 रु       कुल योग                                           30 रु 💥 यह सिर्फ आज का बिल है ,       इसे आज ही चुकता कर दे तो अच्छा है। 💥 सुबह जब वह उठा तो उसके तकिये के नीचे 30 रु.         रखे थे। यह देख कर वह बहुत खुश हुआ       कि ये बढ़िया काम मिल गया। 💥 तभी उस ने एक और कागज़ वहीं रखा देखा।       जल्दी से उठा कर, उसने कागज़ को ...

अमेरिका मे जब एक कैदी को फॉसी की सजा सुन

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अमेरिका मे जब एक कैदी को फॉसी की सजा सुनाई गई तो वहॉ के कुछ बैज्ञानिकों ने सोचा कि क्यों न इस कैदी पर कुछ प्रयोग किया जाय ! तब कैदी को बताया गया कि हम तुम्हें फॉसी देकर नहीं परन्तु जहरीला कोबरा सॉप डसाकर मारेगें ! और उसके सामने बड़ा सा जहरीला सॉप ले आने के बाद कैदी की ऑखे बंद करके कुर्सी से बॉधा गया और उसको सॉप नहीं बल्कि दो सेफ्टी पिन्स चुभाई गई ! और क्या हुआ कैदी की कुछ सेकेन्ड मे ही मौत हो गई, पोस्टमार्डम के बाद पाया गया कि कैदी के शरीर मे सॉप के जहर के समान ही जहर है । अब ये जहर कहॉ से आया जिसने उस कैदी की जान ले ली ......वो जहर उसके खुद शरीर ने ही सदमे मे उत्पन्न किया था । हमारे हर संकल्प से पाजिटीव एवं निगेटीव एनर्जी उत्पन्न होती है और वो हमारे शरीर मे उस अनुसार hormones उत्पन्न करती है । 75% वीमारियों का मूल कारण नकारात्मक सोंच से उत्पन्न ऊर्जा ही है । आज इंसान ही अपनी गलत सोंच से भस्मासुर बन खुद का विनाश कर रहा है ...... अपनी सोंच सदैव सकारात्मक रखें और खुश रहें 25 साल की उम्र तक हमें परवाह नहीँ होती कि "लोग क्या सोचेंगे ? ? " 50 साल की उम्र तक इसी डर में जीते हैं कि ...

*तुलसी कौन थी

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*तुलसी कौन थी?* ```तुलसी(पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी जिस का नाम वृंदा था, राक्षस कुल में उसका जन्म हुआ था बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी.बड़े ही प्रेम से भगवान की सेवा, पूजा किया करती थी.जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में दानव राज जलंधर से हो गया। जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ था. वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी सदा अपने पति की सेवा किया करती थी. एक बार देवताओ और दानवों में युद्ध हुआ जब जलंधर युद्ध पर जाने लगे तो वृंदा ने कहा``` - स्वामी आप युद्ध पर जा रहे है आप जब तक युद्ध में रहेगे में पूजा में बैठ कर``` आपकी जीत के लिये अनुष्ठान करुगी,और जब तक आप वापस नहीं आ जाते, मैं अपना संकल्प नही छोडूगी। जलंधर तो युद्ध में चले गये,और वृंदा व्रत का संकल्प लेकर पूजा में बैठ गयी, उनके व्रत के प्रभाव से देवता भी जलंधर को ना जीत सके, सारे देवता जब हारने लगे तो विष्णु जी के पास गये। सबने भगवान से प्रार्थना की तो भगवान कहने लगे कि – वृंदा मेरी परम भक्त है में उसके साथ छल नहीं कर सकता । फिर देवता बोले - भगवान दूसरा कोई उपाय भी तो नहीं है अब आप ही हमारी मदद कर सकते है। भगवान ने जलंधर का ह...