लहेरी+लखा+लखपति+लखेरा+लखारा+लखवारा+लक्ष्कार…जाति का इतिहास…

लहेरी+लखा+लखपति+लखेरा+लखारा+लखवारा+लक्ष्कार…जाति का इतिहास… _______________________वंशों की उत्पत्ति...__________________ सृष्टि के रचयिता परमपिता परमेश्वर ने शेषशय्या पर अपनी नाभि से जल के ऊपर कमल के पुष्पो को पैदा किया। पुष्प में से तीन देव सतो गुण वाले विष्णु, रजो गुण वाले ब्रह्मा तथा तमोगुण वाले शंकर प्रकट हुए। सृष्टि का रचयिता ब्रह्मा को माना है। ब्रह्मा के प्रथम पुत्र मनु है। मनु के तीन पुत्रियां व दो पुत्र प्रियव्रत और उत्तानपाद हुए। ब्रह्मा के दूसरे पुत्र मरीचि हुए। मरीचि के पुत्र कश्यप के तेरह रानियां थी। इनमें से एक रानी के 88 हजार ऋषि हुए, इनमें से गौतम ऋषि से गहलोद वंश की उत्पत्ति मानी गई तथा दधीचि ऋषि से दाहिमा वंश की उत्पत्ति हुई। कश्यप की दूसरी रानी के सूर्य हुए। सूर्य से सूर्य वंश की उत्पत्ति हुई। सूर्य से दस गौत्र बने। ब्रह्मा के तीसरे पुत्र अत्रेय ऋषि थे, इनके तीन पुत्र हुए 1. दत्तात्रेय 2. चन्द्रमा 3. भृगु। दत्तात्रेय से दस गौत्र बने जो ऋषि वंश कहलाते है तथा चन्द्रमा से भी दस गौत्र बने जो चन्द्रवंशी कहलाते है। ब्रह्माजी के चौथे पु्त्र वशिष्ठजी ने अग्निकुण्ड बनाकर उसम...