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तरूण सागर जी महाराज के कहे कुछ पंक्तियों के अँश

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तरूण सागर जी महाराज के कहे कुछ पंक्तियों के अँश ‬: सफलता के 20  मँत्र " 👏 👏1.खुद की कमाई  से कम           खर्च हो ऐसी जिन्दगी           बनाओ..! 👏2. दिन  मेँ कम  से कम            3 लोगो की प्रशंसा करो..! 👏3. खुद की भुल स्वीकारने          biेँ कभी भी संकोच मत            करो..! 👏4. किसी  के सपनो पर  हँसो            मत..! 👏5. आपके पीछे खडे व्यक्ति            को भी कभी कभी आगे            जाने का मौका दो..! 👏6. रोज हो सके तो सुरज को            उगता हुए देखे..! 👏7. खुब जरुरी हो तभी कोई           चीज उधार लो..! 👏8. किसी के पास  से  कुछ            जानना हो तो विवेक  से            दो बार...पुछो..! 👏9. कर्ज और शत्रु को कभी            बडा मत होने दो..! 👏10. ईश्वर पर पुरा भरोसा              रखो..! 👏11. प्रार्थना करना कभी              मत भुलो,प्रार्थना मेँ              अपार शक्ति होती है..! 👏12. अपने काम  से मतलब              रखो..! 👏13. समय सबसे ज्यादा              कीमती है, इसको फालतु              कामो  मेँ खर्च मत करो.. 👏14. जो आपके पास है, उसी              मेँ खुश रहना सिखो.....

वाह रे मानव तेरा स्वभाव

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वाह रे मानव तेरा स्वभाव.... ।। लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है ... पर बेजुबान जीव को मार के खाता है ।। 😊😊😊😊😊😊 यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो. जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर 'भीख' मांगता है.. 😔विचित्र दुनिया का कठोर सत्य..👌👌 😊😊😊😊😊😊        बारात मे दुल्हे सबसे पीछे       और दुनिया  आगे चलती है मय्यत मे जनाजा आगे         और दुनिया पीछे चलती है..            यानि दुनिया खुशी मे आगे           और दुख मे पीछे हो जाती है..! 😊😊😊😊😊😊😊 अजब तेरी दुनिया गज़ब तेरा खेल मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना... Wah re duniya !!!!! ✴ लाइन छोटी है,पर मतलब बहुत बड़ा है ~ उम्र भर उठाया बोझ उस कील ने ... और लोग तारीफ़ तस्वीर की करते रहे .. 〰〰〰〰〰〰 😊😊😊😊😊😊😊 ✴  पायल हज़ारो रूपये में आती है, पर पैरो में पहनी जाती है और..... बिंदी 1 रूपये में आती है मगर माथे पर सजाई जाती है इसलिए कीमत मायने नहीं रखती उसका कृत्य मायने रखता हैं. 😊😊😊😊😊😊😊 〰〰〰〰〰〰 ✴  एक किताबघर में पड़ी गीता और कुरान आपस में कभी नहीं लड़ते, और जो उनके लिए लड़ते हैं वो कभी उन ...

एक अफ्रीकी पर्यटक ऐसे शहर मे आया जो शहर उधारी में डूबा हुआ था।

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एक अफ्रीकी पर्यटक ऐसे शहर मे आया जो शहर उधारी में डूबा हुआ था। पर्यटक ने 1000/- रुपया होटल (जिसमे छोटा सा रेस्टोरेंट भी था) के काउंटर पर रखे और कहा मैं जा रहा हूँ कमरा पसंद करने। होटल का मालिक फ़ौरन भागा कसाई के पास और उसको 1000/- रुपया देकर मटन मीट का हिसाब चुकता कर लिया। कसाई भागा गोट फार्म वाले के पास और जाकर बकरों का हिसाब पूरा कर लिया। गोट फार्म वाला भागा बकरों के चारे वाले के पास और चारे के खाते में 1000/-रुपया कटवा आया। चारे वाला गया उसी होटल पर। वो वहां कभी कभी उधार में रेस्टोरेंट मे खाना खाता था। 1000/- रुपया देके हिसाब चुकता किया। पर्यटक वापस आया और यह कहकर अपना 1000/- रुपया ले गया कि उसे कोई रूम पसंद नहीं आया। न किसी ने कुछ लिया न किसी ने कुछ दिया सबका हिसाब चुकता। बताओ गड़बड़ कहाँ है ? कहीं गड़बड़ नहीं है बल्कि यह सभी की गलतफहमी है कि रुपये हमारे है। खाली हाथ आये थे, खाली हाथ ही जाना है। विचार करें और जीवन का आनंद लें।