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वैज्ञानिकों ने स्मार्टफोन में स्थापित किए जा सकने वाले क्वांटम डॉट स्पेक्ट्रोमीटर को विकसित किया

Thu, 14 Apr 2016 अमेरिका स्थित मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे क्वांटम डॉट स्पेक्ट्रोमीटर को विकसित किया है जो की किसी स्मार्टफोन के कैमरे में भी स्थापित किया जा सकता है. विदित हो स्पेक्ट्रोमीटर एक ऐसा उपकरण है जो प्रकाश के गुणों को मापने का कार्य करता है. वैज्ञानिकों द्वारा प्राप्त की गई इस उपलब्धि की पुष्टि नेचर पत्रिका के प्रकाशन से की गई इस अध्ययन के प्रमुख लेखक जी बाओ हैं जो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के पूर्व प्रवक्ता हैं. क्वांटम डॉट  स्पेक्ट्रोमीटर, क्वांटम डॉट  के नए अनुप्रयोगों को विकसित करेगा. इससे पूर्व क्वांटम डॉट  जैविक अणुओं और कोशिकाओं को चिन्हित करने के अतिरिक्त साथ ही टेलीविजन स्क्रीन और कंप्यूटर में भी प्रयोग किया जाता था. डिवाइस की विशेषता- • यह वहन करने योग्य होगा और त्वचा सम्बन्धी रोगों के इलाज में और पर्यावरण प्रदूषकों का पता लगाने में सक्षम होगा. • यह एक ऐसा डिवाइस है जिसमे सौ से भी ज्यादा क्वांटम डॉट हैं जो प्रकाश की अलग-अलग तरंग दैर्ध्य को फिल्टर करने में सहायक होंगे. • यह पहले के अनुप्रयोगों की ...

HINDI STORY

अकल की दुकान : एक था रौनक। जैसा नाम वैसा रूप। अकल में भी उसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता था। एक दिन उसने घर के बाहर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा- 'यहां अकल बिकती है।' उसका घर बीच बाजार में था। हर आने-जाने वाला वहां से जरूर गुजरता था। हर कोई बोर्ड देखता, हंसना और आगे बढ़ जाता। रौनक को विश्वास था कि उसकी दुकान एक दिन जरूर चलेगी। एक दिन एक अमीर महाजन का बेटा वहां से गुजरा। दुकान देखकर उससे रहा नहीं गया। उसने अंदर जाकर रौनक से पूछा- 'यहां कैसी अकल मिलती है और उसकी कीमत क्या है? ' उसने कहा- 'यह इस बात पर निर्भर करता है कि तुम इस पर कितना पैसा खर्च कर सकते हो।' गंपू ने जेब से एक रुपया निकालकर पूछा- 'इस रुपए के बदले कौन-सी अकल मिलेगी और कितनी?' 'भई, एक रुपए की अकल से तुम एक लाख रुपया बचा सकते हो।' गंपू ने एक रुपया दे दिया। बदले में रौनक ने एक कागज पर लिखकर दिया- 'जहां दो आदमी लड़-झगड़ रहे हों, वहां खड़े रहना बेवकूफी है।' गंपू घर पहुंचा और उसने अपने पिता को कागज दिखाया। कंजूस पिता ने कागज पढ़ा तो वह गुस्से से आगबबूला हो गया। गंपू को क...

शेयर बाजार

शेयर बाजार क्या है? शेयर का सीधा सा अर्थ होता है हिस्सा। शेयर बाजार की भाषा में बात करें तो शेयर का अर्थ है कंपनियों में हिस्सा। उदाहरण के लिए एक कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं। आप कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने अंश खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने का मालिकाना हक हो गया जिसे आप किसी अन्य खरीददार को जब भी चाहें बेच सकते हैं। आप 100 से लेकर अधिकतम शेयर खरीद सकते हैं। कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना हैं यह उसका विवेकाधीन अधिकार है। बाजार से शेयर बाजार खरीदने/बेचने के लिए कई शेयर ब्रोकर्स होते हैं जो उनके तय पारिश्रमिक (लगभग 2 फीसदी) लेकर अपने ग्राहकों को यह सेवा देते हैं। इन कंपनियों के शेयरों का मूल्य मुंबई शेयर बाजार (बीएसई) में दर्ज होता है। सभी कंपनियों का मूल्य उनकी लाभदायक क्षमता के अनुसार कम-ज्यादा होता है। इस पूरे बाजार में नियंत्रण भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का होता है। इसकी अनुमति के बाद ही कोई कंपनी अपना प्रारंभिक निर्गम इश्यू (आईपीओ) जारी कर सकती है। प्रत्येक छमाही या वार्षिक आधार पर कंपनियां लाभ हो...

शेयर बाजार में निवेश

शेयर बाजार में निवेश यदि आपको शेयर बाजार के बारे में कम जानकारी है अथवा आप इस बाजार के नये खिलाड़ी हैं या आप चाहते तो हैं कि बाजार में निवेश करें मगर जानते नहीं कि क्या करें और कैसे करें तो आज हम आपको कुछ टिप्स देते हैं: टिप्स से दूर रहें: आप भी कहेंगे कि यह क्या घालमेल है। साथ ही कह रहे हैं कि मैं आपको टिप्स देता हूं और साथ ही कह रहें हैं कि टिप्स से दूर रहें। वास्तव में मैं आपको किन कंपनियों के शेयरों में निवेश करें ऐसे टिप्स नहीं देने वाला। यहां मैं आपको यह बता रहा हूं कि कैसे शेयर बाजार में निवेश करें। तो सबसे पहली बात मित्रों, रिश्तेदारों और ब्रोकरों के बताये टिप्स पर अथवा बाजार मैं फैली अफवाहों के आधार पर निवेश न करें। यह बहुत ही खतरनाक हो सकता है। स्वयं को शिक्षित करें: बैलेंश शीट तथा कंपनियों के नतीजों को पढ़ना और समझना सीखें। यदि आपकी शिक्षा कॉमर्स स्ट्रीम से नहीं है तो थोड़ा और अधिक सावधान रहें। बाजार के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें। नियमित रूप से इक्नॉमिक टाइम्स जैसे समाचार पत्र पड़ें और CNBC आवाज जैसे चैनल देखें। इसके अलावा इंटरनेट पर निवेश संबधी जानकारियां एक...

इसमें क्या जोखिम हैं?

इसमें क्या जोखिम हैं? इक्विटी शेयर "उच्च जोखिम, उच्च रिटर्न निवेश" होते हैं। इक्विटी निवेश और सभी अन्य निवेश विकल्पों में प्रमुख अंतर यह है कि जहां अन्य विकल्पों जैसे बैंक जमा, लघु बचत योजनाओं, डिबेंचर, बांड आदि से मिलने वाला लाभ निर्धारित और निश्चित होता है, वहीं इक्विटी निवेशों से होने वाली कमाई बेहद अनिश्चित और विविध होती है। सही समय पर ली गई एक अच्छी स्क्रिप काफी अच्छा रिटर्न दिला सकती है, अन्यथा रिटर्न बेहद कम भी हो सकता है या यह ऋणात्मक भी हो सकता है, यानी निवेश किया गया फ़ंड स्वयं भी धीरे धीरे ख़त्म हो सकता है। संक्षेप में, यदि स्थिर आय श्रेणी साधनों में निवेश काफी हद तक सुरक्षित और जोखिम मुक्त होता है, तो इक्विटी और संबंधित क्षेत्रों में निवेश जोखिम भरा माना जा सकता है।

Hindi story

| प्रेम की महिमा | पुराने समय की बात है एक शहर के आस पास के जंगलो में एक भेडिये का इतना आतंक छाया हुआ था कि वंहा कोई रास्ता चलने का साहस भी नहीं करता था । वह अनेक मनुष्यों और जानवरों को मार चुका था । अंत में उस शहर के एक महान संत फ्रास्वा ने उस भयानक जानवर का सामना करने की ठानी । वे शहर के से बाहर निकले तो उनके पीछे स्त्री और पुरुषों की बहुत भीड़ थी । जैसे ही संत जंगल के समीप पहुंचे वैसे ही भेडिये ने उनकी तरफ रुख किया और उनकी और लपका । तभी संत ने उसकी और एक शांतिपूर्वक ऐसा संकेत किया कि भेड़िया ठंडा होकर संत के पैरो के पास ऐसे लोट गया जैसे कोई भेड़ का बच्चा हो । तभी संत ने उसे संबोधित किया " कि देख भाई तूने इस शहर को बहुत हानि पहुंचाई है और बहुत उत्पात किया है इस वजह से तू बाकी अपराधियों की तरह दंड का अधिकारी है और इस शहर के लोग तुमसे बहुत घृणा करते है । परन्तु यदि तेरे और इस शहर में रहने वाले मेरे मित्रो के बीच मैत्री स्थापित हो जाये तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी । भेडिये ने अपना सिर झुका लिया और पूँछ हिलाने लगा ।" इस पर संत ने फिर से कहा " देख भाई मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि अगर ...

Sinhasanbatishi

विक्रमादित्य बहुत दिनों की बात है। उज्जैन नगरी में राजा भोंज नाम का एक राजा राज करता था। वह बड़ा दानी और धर्मात्मा था। न्याय ऐसा करता कि दूध और पानी अलग-अलग हो जाये। उसके राज में शेर और बकरी एक घाट पानी पीते थे। प्रजा सब तरह से सुखी थी। नगरी के पास ही एक खेत था, जिसमें एक आदमी ने तरह–तरह की बेलें और साग-भाजियां लगा रक्खी थीं। एक बार की बात है कि खेत में बड़ी अच्छी फसल हुई। खूब तरकारियां उतरीं, लेकिन खेत के बीचों-बीच थोड़ी-सी जमीन खाली रह गई। बीज उस पर डाले थे, पर जमे नहीं। सो खेत वाले न क्या किया कि वहां खेत की रखवाली के लिए एक मचान बना लिया। पर उसपर वह जैसें ही चढ़ा कि लगा चिल्लाने- "कोई है? राजा भोज को पकड़ लाओं और सजा दो।" होते-होते यह बात राजा के कानों में पहुंची। राजा ने कहा, "मुझे उस खेत पर ले चलो। मैं सारी बातें अपनी आंखों से देखना और कानों से सुनना चाहता हूं।" लोग राजा को ले गये। खेत पर पहुंचने ही देखते क्या हैं कि वह आदमी मचान पर खड़ा है और कह रहा है- "राजा भोज को फौरन पकड़ लाओं और मेरा राज उससे ले लो। जाओ, जल्दी जाओं।" यह सुनकर राजा को बड़ा डर लग...

अर्जुन का घमंड

एक बार अर्जुन को अहंकार हो गया कि वही भगवान के सबसे बड़े भक्त हैं। उनकी इस भावना को श्रीकृष्ण ने समझ लिया। एक दिन वह अर्जुन को अपने साथ घुमाने ले गए। रास्ते में उनकी मुलाकात एक गरीब ब्राह्मण से हुई। उसका व्यवहार थोड़ा विचित्र था। वह सूखी घास खा रहा था और उसकी कमर से तलवार लटक रही थी। अर्जुन ने उससे पूछा, 'आप तो अहिंसा के पुजारी हैं। जीव हिंसा के भय से सूखी घास खाकर अपना गुजारा करते हैं। लेकिन फिर हिंसा का यह उपकरण तलवार क्यों आपके साथ है?' ब्राह्मण ने जवाब दिया, 'मैं कुछ लोगों को दंडित करना चाहता हूं।' आपके शत्रु कौन हैं? अर्जुन ने जिज्ञासा जाहिर की। ब्राह्मण ने कहा, 'मैं चार लोगों को खोज रहा हूं, ताकि उनसे अपना हिसाब चुकता कर सकूं। सबसे पहले तो मुझे नारद की तलाश है।नारद मेरे प्रभु को आराम नहीं करने देते, सदा भजन-कीर्तन कर उन्हें जागृत रखते हैं। फिर मैं द्रौपदी पर भी बहुत क्रोधित हूं। उसने मेरे प्रभु को ठीक उसी समय पुकारा, जब वह भोजन करने बैठे थे। उन्हें तत्काल खाना छोड़ पांडवों को दुर्वासा ऋषि के शाप से बचाने जाना पड़ा। उसकी धृष्टता तो देखिए। उसने मेरे भगवान को जूठ...

Story

एक बार एक शिक्षक संपन्न परिवार से सम्बन्ध रखने वाले एक युवा शिष्य के साथ कहीं टहलने निकले . उन्होंने देखा की रास्ते में पुराने हो चुके एक जोड़ी जूते उतरे पड़े हैं , जो संभवतः पास के खेत में काम कर रहे गरीब मजदूर के थे जो अब अपना काम ख़त्म कर घर वापस जाने की तयारी कर रहा था .शिष्य को मजाक सूझा उसने शिक्षक से कहा , " गुरु जी क्यों न हम ये जूते कहीं छिपा कर झाड़ियों के पीछे छिप जाएं ; जब वो मजदूर इन्हें यहाँ नहीं पाकर घबराएगा तो बड़ा मजा आएगा !!" शिक्षक गंभीरता से बोले , " किसी गरीब के साथ इस तरह का भद्दा मजाक करना ठीक नहीं है . क्यों ना हम इन जूतों में कुछ सिक्के डाल दें और छिप कर देखें की इसका मजदूर पर क्या प्रभाव पड़ता है !!"शिष्य ने ऐसा ही किया और दोनों पास की झाड़ियों में छुप गए .मजदूर जल्द ही अपना काम ख़त्म कर जूतों की जगह पर आ गया . उसने जैसे ही एक पैर जूते में डाले उसे किसी कठोर चीज का आभास हुआ , उसने जल्दी से जूते हाथ में लिए और देखा की अन्दर कुछ सिक्के पड़े थे , उसे बड़ा आश्चर्य हुआ और वो सिक्के हाथ में लेकर बड़े गौर से उन्हें पलट -पलट कर देखने लगा . फिर उसने...

Hi thoughts

आपके विचारों में होती है दिव्य-शक्ति हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों के वचनामृत हैं कि हमारे विचारों में एक दिव्य-शक्ति हुआ करती है| यही कारण है कि यह असाधारण और अलौकिक शक्ति हमारे संपूर्ण व्यक्तित्व की परिचायिका है|  अक्सर लोगों को कहते सुना है कि जैसा हम सोचते हैं वैसे ही हम बनते हैं पर कभी-कभी हम किसी अन्य व्यक्ति की विचारधारा से इतना अधिक प्रभावित हो जाते हैं कि हमारा व्यक्तित्व मात्र उसी व्यक्ति का प्रतिबिम्ब बन कर रह जाता है और कभी-कभी इसके विपरीत कोई अन्य भी हमारे विचारों से अत्यधिक प्रभावित हो जाता है |सच तो यह है कि हममें से कोई भी पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो कर विचार नहीं कर सकता क्योंकि हम अपने जीवन का प्रत्येक क्षण किसी न किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थिति अथवा परिस्थिति से प्रभावित हो कर ही व्यतीत करते हैं जिसके परिणाम स्वरुप हमारे विचारों का उद्गम या निर्माण होता है |  वस्तुतः, हमारे विचारों में निहित वह दिव्य-शक्ति जो किसी भी विचार के हमारे मन में उदय होते ही उस विचार को कार्य रूप में परिणत करने के लिए तत्पर हो जाती है,वह है हमारे मन की संकल्प शक्ति | जब भी हमारे मन में कोई इच्छा उदय ह...

ये 5 विश्वास (belief) दिलायेगे आपको सफ़लता :

विश्वास #1 : जो भी होता हैं वो किसी reason के लिए ही होता हैं. मैं इस बात को पूरे भरोसे से कह सकता हूँ की जितने भी महान लोग. जितने भी सफल लोग हुए है. उनमे एक बात समान रही. उन सभी का मानना रहा हैं की जो कुछ भी होता हैं वो किसी सटीक उद्देश्य के लिए होता हैं. हर बात में कुछ न कुछ अच्छाई छुपी ही होती है. चाहे वो हार हो. या जीत. या फिर जीत से बस एक कदम दूर रह जाना. हम हमारे पिछले कामो से जितना सिख सकते हैं उतना शायद किसी और अनुभव से नहीं. क्योकि वो हम पर बीती होती हैं. हा मैं मानता हूँ की कई बार किसी किसी परिस्तिथि में कुछ positive ढूंडना बहुत ही अधिक कठिन होता हैं. पर फिर भी आप अपनी परेशानी को देखे समझे. और फिर विचार करें की क्या इसे इतना समय देना ठीक भी हैं? आपके साथ जो कुछ भी घटता हैं. उसमे कुछ न कुछ सिख होती ही है. हम देखते है ऐसे कई लोग हमें दिख जाते है या हम उनके बारे में paper में पढ़ते है. जो किसी घटनावश या accident में अपने कुछ महत्वूर्ण अंग खों दिए. पर फिर भी वे महान कार्य कर जाते है for example Helen Keller, जो सुन नहीं सकती थी. बोल नहीं सकती थी और देख भी नहीं सकती थी. पर फिर भी ...

तनाव ग्रस्त न रहें

तनाव ग्रस्त न रहें आधुनिक जीवनशैली का सर्वाधिक प्रभाव हमारी जीवनशैली पर पड़ा है जिसके कारण तनाव व डिप्रेशन की समस्या भी बढ़ी है। यदि आपको इसमें से कोई भी समस्या हो तो आप तत्काल अपने तनाव और डिप्रेशन के कारणों को जानने का प्रयत्न करें और उनका तत्काल समाधान भी करें। नियमित योग और ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाये। वहीं सदैव सकारात्मक सोच के साथ प्रसन्नचित रहने का प्रयास करें।