*गलत विश्वास*
*वैज्ञानिको ने एक प्रयोग में एक बड़े से टैंक में एक शार्क मछली को रखा। और उसके साथ ही कुछ छोटी मछलियों को भी उसी टैंक में डाल दिया।* स्वाभाविक रूपसे शार्कने तुरंत ही उन सारी मछलियों का सफाया कर दिया इसके बाद वैज्ञा निको ने टैंक में एक बहुत ही मजबूत फैबर ग्लास लगा दिया। और टैंक के दो हिस्से कर दिए। एक हिस्से में शार्क थी। और दुसरे हिस्से में उसने फिर से छोटी मछलियों को डाला। *जैसे ही शार्क की नज़र उन पर पड़ी। वो उन्हें खाने के लिए लपकी। पर इस बार बीच में फैबर ग्लास होने की वजह से शार्क उससे जा टकराई।* एक बार टकराने के बाद भी शार्क ने हार नहीं मानी। वो हर कुछ समय के अंतराल के बाद उस दिशा में बढती जहा मछलिया थी,और टकरा के फिर पलट आती। *इस दौरान छोटी मछलिया आसानी से और आज़ादी से तैर रही थी। और कुछ एक डेढ़ घंटे के बाद शार्क ने हार मान ली।* *ये प्रयोग पुरे हफ़्ते भर में कई बार किया गया। धीरे धीरे शार्क के हमले कम होते गए। और वो ज्यादा जोर भी नहीं लगाती थी।* बार बार कोशिश करते रहने से, पर फिर भी मछलियों तक न पहुँचपाने से शार्क ने थक कर हार मान ली। और प्रयास करना छोड़ दिया। कुछ दिनों के बाद वैज्ञ...