विश्व बैंक समूह ने जलवायु परिवर्तन कार्य योजना अपनाया

विश्व बैंक समूह ने 7 अप्रैल 2016 को जलवायु परिवर्तन कार्य योजना को अपनाया. इसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशो को पेरिस कोप21 (COP21) के लक्ष्यों को प्राप्त करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का प्रबंधन करने में मदद करना है. यह 2020 के लिए उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों सहित स्वच्छ ऊर्जा, हरी परिवहन, जलवायु-स्मार्ट कृषि अथवा शहरी तन्यकता के लक्ष्य तय करता है. इससे संबंधित मुख्य तथ्य: • विश्व बैंक समूह के जलवायु सम्बंधित हिस्सेदारी को ग्राहकों की मांग के अनुसार 2020 तक 21 प्रतिशत से बढाकर 28 प्रतिशत करना है, जिससे की प्रति वर्ष 29 लाख डॉलर का संभावित कुल वित्तपोषण हो सके. • बैंक राष्ट्रों को उनके राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (INDCs) को जलवायु नीतियों में अनुवाद करने, जलवायु निवेश योजनाओं का क्रियान्वन करने और नीतियों और बजट में जलवायु विचारों को मुख्य धारा में लाने में समर्थन करेगा. • आईएफसी (IFC), विश्व बैंक समूह का एक सदस्य, पांच वर्षो में निजी निवेश को 2.3 बिलियन डॉलर से बढाकर 3.5 बिलियन डॉलर करेगा. • 2020 तक आईएफसी (IFC) लगभग 13 बिलियन डॉलर तक का निजी नेवश लामबंद करेगा. • अगले पांच सालो अक्षय उर्जा में निवेश को डी-रिस्क करते हुए 20 गीगावाट संचयी अक्षय उर्जा उत्पादन करना. • विश्व बैंक 'ग्रीन ग्रिड' इनस्टॉल करते हुए अगले पांच सालो में 10 गीगावाट चर अक्षय उर्जा उत्पादन करेगा और साथ ही ये भी सुनिश्चित करेगा की ये जलवायु परिवर्तन के अनुकूल है. • विश्व बैंक अगले पांच वर्षों में स्वच्छ ऊर्जा के लिए वाणिज्यिक वित्त पोषण के लिए 25 लाख अमेरिका डॉलर जुटाएगा. • कम से कम 40 देशों के लिए वर्ष 2020 तक जलवायु स्मार्ट कृषि सम्बंधित प्रोफाइल और निवेश योजनाओं को विकसित किया जाएगा. • 2020 तक, विश्व बैंक समूह 20 देशों को जलवायु क्षेत्रों में अपनी क्षमता बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के जवाब में औद्योगिक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में मदद करेगा.  

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