⚛️ ईश्वर क्या देखता है ⚛️

⚛️ ईश्वर क्या देखता है ⚛️
----------------------------
शबरी के घर भगवान गए और उससे माँग-माँगकर जूठे बेर खाए, यह प्रसंग उन दिनों संतजनों में सर्वत्र चर्चा का विषय बना हुआ था। अशिक्षित नारी, साधना-विधान से अपरिचित रहने पर भी उसे इतना श्रेय क्यों मिला? हम लोग उस श्रेय-सम्मान से वंचित क्यों रहे?

मतंग ऋषि ने चर्चारत भक्तजनों से कहा, "हम लोग संयम और पूजन मात्र में अपनी सद्गति के लिए किए गये प्रयासों को भक्ति मान बैठे है। जबकि भगवान् की दृष्टि में सेवा-साधना की प्रमुखता है। शबरी ही है, जो रात-रात भर जागकर आश्रम से लेकर सरोवर तक कँटीला रास्ता साफ करती रही और सज्जनों का पथ-प्रशस्त करने के लिए अपना अविज्ञात, निरहंकारी भावभरा योगदान प्रस्तुत करती रही।"

भक्तजनों का समाधान हो गया, उन्होंने जाना कि भक्त और भगवान् की दृष्टि में अंतर क्या है। #awgp

|| जय श्री राम || 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Story....

एसिडिटी और हाइपर एसिडिटी के लिए जादुई नुस्खा। Magical Treatment In Acidity and hyperacidity.

Hindi story